DETAILED NOTES ON पारद शिवलिंग के फायदे

Detailed Notes on पारद शिवलिंग के फायदे

Detailed Notes on पारद शिवलिंग के फायदे

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फिर अपनी समझ के अनुसार उसे प्रस्तुत कर देता है. इसमें मेरा कुछ है ही नहीं, क्या सनातन धर्म का दायित्व सिर्फ साधु-संत ही उठाएंगे? हम आप जैसे सामान्य लोगों का भी तो दायित्व बनता है सनातन ध्वजा को ऊंचा रखने के लिए अपने हाथ बढ़ाने का.

मला समजलेला शिव तुमच्या मनातला ह्या मागील पोस्ट मध्ये मी शिवलिंग घरात पुजायचे असेल तर कोणते आणि कसे ह्याबद्दल लिहिले आहे.

प्रतिदिन धूप-दीप दिखाते हुए इस यंत्र की पूजा अर्चना करें।

अगर घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना कर रहे हैं तो ज्यादा बड़ा शिवलिंग स्थपित ना करें।

- मंदिर में कितना भी बड़ा शिवलिंग स्थापित किया जा सकता है.

- शिवलिंग की पूजा उपासना शिव पूजा में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है.

काही जण शिवपिंड ठेवतात आणि १२ तास बाहेर असतात पण घरातल्या पिंडीवर साधे पाणी सुद्धा अर्पण करण्यासाठी त्यांना वेळ मिळत नाही. 

- प्रातःकाल स्नान करके शिवलिंग को एक थाल या बड़े पात्र में रखें.

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अध्यात्माबद्दल जरा जरी आकर्षण असलेल्या व्यक्तीला पारद शिवलिंगाची उपासना केलीच पाहिजे असे माझे मत आहे.

पूजा स्थल या किसी भी पवित्र स्थल पर शिवलिंग को नंदी और नाग के साथ स्थापित करें।

फिर इसे घर के पवित्र स्थल पर पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर स्थापित करें।

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